आमला ( दुर्गा प्रसाद जौजरे) बीवी को भरण पोषण देने से इनकार करने वाले एक शख्स को आमला की अदालत ने एक महीने के कारावास की सजा सुनाई है। यह व्यक्ति अपनी पत्नी को पिछले 9 साल से कोई रकम नही चुका रहा था जबकि 9 साल पहले 2008 में अदालत द्वारा उसे भरण पोषण का आदेश किया गया था।
ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्रीमती मीना शाह ने इस मामले में महिला के अधिवक्ता श्री राजेन्द्र उपाध्याय की गुजारिश के बाद अनावेदक पति को एक माह की सजा सुनाई है। दरअसल । मुलताई थाना इलाके के गांव सांडिया निवासी अमित ( परिवर्तित नाम) की पत्नी अरुणा ने पति के खिलाफ धारा 125 के तहत स्वयं और अपने नाबालिग बेटे के भरण पोषण के लिए अदालत में प्रकरण दायर किया था।जिस पर जेएमएफसी अदालत आमला ने 9 साल पहले 12 दिसम्बर 2008 को अंतरिम आदेश दिया था कि अमित अपनी पत्नी अरुणा को 800 रुपये और अपने बेटे प्रतीक के भरण के लिए 500 रुपये चुकाए लेकिन अमित ने बीते 9 साल में कोई रकम नही चुकाई जिसके चलते यह रकम बढ़कर 1 लाख 39 हजार 100 रुपये हो गयी थी। महिला ने इस मामले में 16 फरवरी 2009 को पुनः अदालत का दरवाजा खटखटाया । अदालत ने इस मामले में गत 24 नवम्बर को अमित को अदालत के सामने हाजिर करने के लिए पुलिस को आदेश दिया था।जिसके बाद पेश किए गए अमित को अदालत ने भरण पोषण की राशि न चुकाने और अदालत के आदेश न मानने पर अमित को एक माह के कारावास की सजा से दंडित किया है।इस मामले में महिला की ओर से अधिवक्ता राजेन्द्र उपाध्याय ने पैरवी की थी।
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नौ साल से मार रहा था बीवी का हक,अदालत ने भेजा जेल
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