घोड़ाडोंगरी ( सचिन अग्रवाल ) नगर के अशासकीय पुष्पा कान्वेंट आवासीय स्कूल का मंगलवार का जिला पंचायत सीईओ शीला दाहिमा ने तीन सदस्यीय दल के साथ औचक निरीक्षण किया एवं निरीक्षण में संस्था के संचालन पर सवाल खड़े किए उन्होंने बच्चों की बैठक व्यवस्था से लेकर उनके सोने की जगह को लेकर नाराजगी जाहिर की एवं शुक्रवार तक सारे जरूरी कागजात लेकर आने के निर्देश दिए
प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत सरकार से अनुदान प्राप्त अशासकीय संस्थान पुष्पा कानवेंट शिक्षा समिति भोपाल द्वारा संचालित कन्या शिक्षा परिसर का स्थल निरीक्षण करने के लिए कलेक्टर द्वारा जिला पंचायत सीईओ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय दल का गठन किया गया था मंगलवार को यह दल स्थल निरीक्षण के लिए पहुंचा था निरीक्षण के दौरान दल को एनजीओ संस्था द्वारा कन्या परिसर के संचालन मे कई तरह की खामियां सामने आई जिस पर जिला पंचायत सीईओ द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई उन्होंने संस्था के प्रधान पाठक को निर्देश दिए कि आपके NGO के संचालक समस्त दस्तावेजों के साथ शुक्रवार तक उपस्थित हो
* रिकॉर्ड मेंटेन पर उठाए सवाल*
स्थल निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत सीईओ शीला दाहिमा ने शिक्षा समिति से संस्था के सेट अप , सरकारी अनुदान , कलेक्टर से लिए गए अप्रूवल, ई पेमेंट, टीचर के खाते, छात्राओं की सूची एवं मेडिकल की जानकारी के बारे में शिष्यवृत्ती के अंतर्गत दी जाने वाली सुविधाओं को।लेकर जब जानकारी मांगी तो संस्था द्वारा किसी तरह की जानकारी संस्था में उपलब्ध ना होने की बात कही गई | जिस पर जिला पंचायत सीईओ शीला दाहिमा ने कन्या शिक्षा परिसर के रिकार्ड मेंटेन पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आपके संस्थान के हर छात्रा की जानकारी समग्र शिक्षा पोर्टल पर दर्ज नहीं है फिर इतने समय से आप शासन से पैसा कैसे ले रहे हैं ना तो आप काम कर रहे हैं और ना ही आपको कुछ मालूम है संस्थान के संचालन के लिए शासन की कुछ गाइड लाईन होती है वह कहा है आपके संस्था प्रमुख कितने महीनों में आते और शिक्षकों का वेतन किस हिसाब से किया जाता है की जानकारी ली
*पहली में पांच और तीसरी में चार ही क्यों*
उपस्थिति पंजी देखने के दौरान जिला पंचायत सीईओ ने पाया की कक्षा पहली में 5 ही बच्चे दर्ज है और कक्षा तीसरी में 4 बच्चे चौथी मे छह बच्चे आंगनवाड़ी की 6 साल की छोटी सी बच्ची भी इस संस्थान में रहती है बच्चों की दर्ज संख्या भी काफी कम है एवम् जो बच्चे दर्ज हैं वह आस-पास के गांव के ही है जिनके घर में ही अच्छे स्कूल उपलब्ध हैं उन्होंने प्रधान पाठक से कहां की आपका कार्य संतोषप्रद नहीं है केंद्र सरकार का उद्देश्य दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में जहां शिक्षा की व्यवस्था नहीं है वहां के बच्चों को आपके संस्थान के माध्यम से शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना है मगर आपके यहां दो तीन किलोमीटर दूरी के बच्चों को ही दर्ज किया गया है
*अंधेरे में सोते हैं क्या बच्चे*
जिला पंचायत सीईओ शीला दाहिमा ने कन्या शिक्षा परिसर का भ्रमण करते हुए जब कक्षो का निंरीक्षण किया तो पाया कि कक्ष में लाइट की व्यवस्था नहीं है गंदगी के बीच बच्चे कैसे सोते हैं उन्होंने बच्चों से पढ़ाई लिखाई को लेकर भी सवाल किए एवं शौचालयों का निरीक्षण भी किया निरीक्षण के दौरान उनके साथ कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य विवेक तिवारी जनपद सीईओ दानिश अहमद खान बीईओ आरजी गाजरे मध्यान भोजन जिलाधिकारी किरण पवार सहित अन्य लोग उपस्थित थे
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पहली में पांच, तीसरी में चार,ऐसे चलता मिला आवासीय स्कूल
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