नपा कर्मचारियों ने जताया विरोध तहसीलदार के नाम सौंपा ज्ञापन
दुर्गाप्रसाद जौंजारे
आमला। बीते लगभग 1 वर्षों से आमला नपा में विवादों में चल रहा आउटसोर्सिंग का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है, दरअसल नपा अधिकारी और परिषद की मिलीभगत से आउटसोर्सिंग के माध्यम से 28 कर्मचारियों को नियमों के विरुद्ध नगर पालिका में नौकरी पर रखे जाने को लेकर परिषद पहले से ही विवादों में थी। जिला कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद हालांकि आउटसोर्सिंग का मामला दब गया था ,किंतु जिला कलेक्टर के ट्रांसफर होते हैं नपा परिषद द्वारा एक बार फिर 28 कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से नपा में नौकरी पर लिए जाने का जैसे ही पिछले दिनों परिषद द्वारा प्रस्ताव लिया गया इसका विवाद एक बार पुनः शहर में सुर्खियों में आ गया है।
नपा परिषद और नपा अधिकारियों की मिलीभगत से आउटसोर्सिंग 28 लोगों फिर जीन एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है दरअसल बीते वर्ष नपा परिषद आमला द्वारा आउटसोर्सिंग में नपा अधिनियम को ठेंगा दिखाते हुए 28 कर्मचारियों को नपा में भर्ती कर लिया गया था इस बात की जानकारी जैसे ही शहर के सामाजिक और राजनीतिक संगठनों को लगी मामले का विरोध शुरू हो गया था मामला इतना उछला की जिला कलेक्टर को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा जिला कलेक्टर की अनुशंसा पर आउटसोर्सिंग में रखे गए 28 कर्मचारियों की भर्ती पर रोक लगा दी गई थी, किंतु कुछ माह पहले जैसे ही जिला कलेक्टर तरुण पिथोड़े का तबादला हुआ परिषद ने मौका देख कर एक बार फिर आउटसोर्सिंग में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का प्रस्ताव ले लिया है ।बताया गया है कि जिला कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद नपा परिषद द्वारा अपनी गलती मान ली गई थी ,किंतु फिर एक बार नपा परिषद उसी गलती को उन्हें दोहराने जा रही है, चर्चा यह भी है कि महज कुछ माह पहले तक आउटसोर्सिंग का मामला अवैधानिक था ,फिर रातों-रात ऐसा क्या हुआ की नगर पालिका परिषद द्वारा उसी आउटसोर्सिंग के मामले को वैधानिक बताकर पुनः 28 कर्मचारियों को नौकरी पर रखने की प्रक्रिया नपा द्वारा शुरू कर दी गई है, शहर में चर्चा है कि आउटसोर्सिंग भर्ती के मामले में परिषद के कुछ कर्ता-धर्ता और अधिकारियों के बीच भारी लेनदेन हुआ है, जो भी हो किंतु अब मामला नपा कर्मचारियों के विरोध के बाद एक बार पुनः सुर्खियों में आ गया है दरअसल बीते दिवस नपा के दो दर्जन से ज्यादा नियमित कर्मचारियों ने परिषद द्वारा आउटसोर्सिंग के माध्यम से की जा रही नियुक्ति का भारी विरोध किया है, इस मामले में नपा के नियमित कर्मचारियों द्वारा स्थानीय तहसीलदार को ज्ञापन देकर हस्तक्षेप और कार्यवाही की मांग की गई है नपा कर्मचारियों का कहना है कि नगर पालिका आमला में पहले से ही पर्याप्त मात्रा में कर्मचारी मौजूद है ,और उनकी वेतन वृद्धि आदि के मामले लटके हुए हैं, किंतु उन पर ध्यान देने के बजाय अपने निजी हितों के लिए नगर पालिका अधिनियम में छेड़छाड़ कर रही है, नपा के नियमित कर्मचारियों ने इस भर्ती को लेकर अपना विरोध जताया है इस मौके पर नपा के कुछ पार्षदों ने भी नपा के नियमित कर्मचारियों का समर्थन करते हुए कहा है कि नगर पालिका की भाजपा पार्षद और नपा अधिकारी की मिलीभगत से आउटसोर्सिंग में कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है जो पूरी तरह अवैधानिक है। तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते समय नगरपालिका कर्मचारी संघ के अध्यक्ष उर्मिला महोरिया, बंसीलाल पवार, बलराम चौरे, दिलीप सोनपुरे, राजेंद्र अतुलकर मनोज सोनी, शिवप्रसाद गुजरे ,संजय साहू रमेश ,हरीश कोसे, अमरदीप वर्मा, प्रदीप , सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद थे, वही नगर की महिला पार्षद संगीता माथनकर ने कर्मचारियों का सहयोग करने के लिए मौके पर उपस्थित थी।